National Rural Infrastructure Development Agency

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संस्थापन प्रलेख

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1. अब सोसाइटी का नाम राष्ट्रीय ग्रामीण अवसंरचना विकास एजेंसी (एनआरआईडीए) होगा।

2. सोसाइटी का पंजीकृत कार्यालय 5वां तल, 15-एनबीसीसी टॉवर, भीकाजी कामा प्लेस, नई दिल्ली-110066 है।

3. पृष्ठभूमि

भारत सरकार ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत ग्रामीण सड़कों के निर्माण का कार्यक्रम शुरू किया है। इस कार्यक्रम के तहत तकनीकी पहलुओं पर सलाह देने, परियोजना का मूल्यांकन करने, अंशकालिक गुणवत्ता नियंत्रण मॉनीटरों की नियुक्ति करने, निगरानी तंत्र का प्रबंधन करने और ग्रामीण विकास मंत्रालय को समय-समय पर रिपोर्टें प्रस्तुत करने के माध्यम से कार्यक्रम को सहायता प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण सड़क विकास एजेंसी (एनआरआरडीए) की स्थापना की परिकल्पना की गई।

मंत्रिमंडल ने दिनांक 23.03.2016 के अपने निर्णय में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में आवास डिजाइनों के विकास करने, ड्राइंग्स तैयार करने, प्राक्कलन करने, उपयुक्त प्रौद्योगिकियों को अपनाने, प्रशिक्षण मॉड्यूल्स और संबंधित गतिविधियों में केंद्र और राज्य सरकारों को तकनीकी सहायता प्रदान करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। राष्ट्रीय ग्रामीण सड़क विकास एजेंसी (एनआरआरडीए) को उन्नत और सुदृढ करके केंद्र सरकार और राज्यों को ऐसी तकनीकी सहायता प्रदान की जाएगी। इस तरह, उन्नत और सुदृढ एनआरआरडीए, जो ग्रामीण क्षेत्रों में अवसंरचना के विकास (सड़कें, आवास और अन्यर ग्रामीण अवसंरचना) पर ध्यान केंद्रित करेगा, अब राष्ट्रीय ग्रामीण अवसंरचना विकास एजेंसी (एनआरआईडीए) के रूप में जाना जाएगा। एनआरआईडीए अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर के प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ मिलकर राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तरों पर तकनीकी पेशेवरों की क्षमता विकास के कार्य को भी संभालेगा ।

इस एजेंसी की परिकल्पना एक संहत, पेशेवर और बहु-विषयक निकाय के रूप में की गई है।

4. उद्देश्य

इसके निम्नलिखित उद्देश्य होंगे:

(I) ग्रामीण सड़कें

(II) ग्रामीण आवास

5. उपर्युक्त उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए, एजेंसी

क. एक संहत, पेशेवर और बहु-विषयक निकाय के रूप में होगी और कार्मिकों को प्रतिनियुक्ति या अनुबंध के आधार पर नियुक्त या इंगेज किया जाएगा। एनआरआईडीए में कोई स्थायी नियुक्ति नहीं होगी।

ख. महीने में कुछ दिन के लिए अंशकालिक आधार पर सेवाएं प्रदान करने के लिए, विभिन्न अध्ययन-क्षेत्रों, राज्यों, संघ शासित प्रदेशों और अन्य संगठनों, (सार्वजनिक या निजी क्षेत्र) से स्वतंत्र मॉनीटरों की नियुक्ति करेगी।

ग. राष्ट्रीय ग्रामीण अवसंरचना विकास एजेंसी उपरोक्त उल्लिखित उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए यथावश्यक, प्रासंगिक या अनुकूल समझे, ऐसे कृत्यों और कार्यों को या तो अकेले अथवा अन्य संगठनों या व्यक्तियों के साथ मिलकर कर सकती है।

6. एजेंसी निम्नलिखित तरीकों से धन इकट्ठा कर सकती है:-

7. आम सभा के प्रमुख सदस्यों के नाम, कार्य-दायित्व और पता निम्नलिखित हैं:

क्रम सं. नाम कार्य-दायित्व एवं पता एनआरआईडीए में पदनाम
1. श्री नरेंद्र सिंह तोमर माननीय ग्रामीण विकास मंत्री,
भारत सरकार, कृषि भवन,
नई दिल्ली
अध्यक्ष
2. साध्वी निरंजन ज्योति राज्य मंत्री (ग्रामीण विकास),
ग्रामीण विकास मंत्रालय,
भारत सरकार, कृषि भवन,
नई दिल्ली
सह-अध्यक्ष
3. श्री राजेश भूषण सचिव (ग्रामीण विकास), ग्रामीण विकास मंत्रालय,
भारत सरकार, कृषि भवन,
नई दिल्ली
उपाध्यक्ष
4. श्री प्रशांत कुमार विशेष सचिव (ए एवं सी/ ग्रामीण आवास) , ग्रामीण विकास मंत्रालय,
भारत सरकार, कृषि भवन,
नई दिल्ली
सदस्य
5. श्री संजीव कुमार अपर सचिव एवं वित्तीय सलाहकार, ग्रामीण विकास मंत्रालय,
भारत सरकार, कृषि भवन,
नई दिल्ली
सदस्य
6. श्रीमती अलका उपाध्याय अपर सचिव (ग्रामीण विकास), ग्रामीण विकास मंत्रालय,
भारत सरकार, कृषि भवन,
नई दिल्ली
महानिदेशक
7. श्री गया प्रसाद उप महानिदेशक (ग्रामीण आवास/प्रशासन), ग्रामीण विकास मंत्रालय,
भारत सरकार, कृषि भवन,
नई दिल्ली
अपर महानिदेशक
8. डॉ. सुरभि राय निदेशक (आरसी), ग्रामीण विकास मंत्रालय,
भारत सरकार, कृषि भवन,
नई दिल्ली
सदस्य
9. सुश्री ममता संयुक्त निदेशक (आरसी), ग्रामीण विकास मंत्रालय,
भारत सरकार, कृषि भवन,
नई दिल्ली
सदस्य
10. श्री के.एम.सिंह उप सचिव (आरसी), उप सचिव (आरसी),
भारत सरकार, कृषि भवन,
नई दिल्ली
सदस्य
11. श्री शैलेश कुमार उप सचिव (ग्रामीण आवास), ग्रामीण विकास मंत्रालय,
भारत सरकार, कृषि भवन,
नई दिल्ली
सदस्य

8. सभी संबंधितों द्वारा अभिस्वीकृत और स्वीकार किया जाता है कि राष्ट्रीय ग्रामीण अवसंरचना विकास एजेंसी की स्थापना ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जनहित में की गई है।

9. यदि आवश्यक हो, तो एजेंसी को सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 की धारा 13 और 14 के तहत अधिकथित उपबंधों के अनुसार भंग किया जा सकता है।

10. हम, सभी सदस्य, जिनके नाम और पते नीचे दिए गए हैं, स्वयं को इस संस्थापन प्रलेख में वर्णित उद्देश्य से संबद्ध करने के पश्चात, एतद्द्वारा इस संस्थापन प्रलेख की स्वीकृति के रूप में अपने हस्ताक्षर करते हैं और सभी और संबंधित व्यक्तियों के हस्ताक्षर से इसकी वैधानिकता की पुष्टि करते हैं और सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत सोसाइटी की आम सभा में पारित संकल्प के अनुरूप सोसाइटी के पुनर्गठन और संस्थापन प्रलेख में संशोधन के लिए (माह) के इस दिन, (तारीख), 2020 को सहमत हैं।

क्रम सं. नाम सदस्यों का कार्य-दायित्व एवं पता सदस्यों के हस्ताक्षर
1. श्री नरेंद्र सिंह तोमर ग्रामीण विकास मंत्री,
भारत सरकार, कृषि भवन,
नई दिल्ली
 
2. साध्वी निरंजन ज्योति राज्य मंत्री (ग्रामीण विकास),
ग्रामीण विकास मंत्रालय,
भारत सरकार, कृषि भवन,
नई दिल्ली
 
3. श्री राजेश भूषण सचिव (ग्रामीण विकास), ग्रामीण विकास मंत्रालय,
भारत सरकार, कृषि भवन,
नई दिल्ली
 
4. श्री प्रशांत कुमार विशेष सचिव (ए एवं सी/ग्रामीण आवास), ग्रामीण विकास मंत्रालय,
भारत सरकार, कृषि भवन,
नई दिल्ली
 
5. श्री संजीव कुमार अपर सचिव एवं वित्तीय सलाहकार, ग्रामीण विकास मंत्रालय,
भारत सरकार, कृषि भवन,
नई दिल्ली
 
6. सुश्री अलका उपाध्याय अपर सचिव (ग्रामीण विकास), ग्रामीण विकास मंत्रालय,
भारत सरकार, कृषि भवन,
नई दिल्ली
 
7. श्री गया प्रसाद उप महानिदेशक (ग्रामीण विकास/प्रशासन), ग्रामीण विकास मंत्रालय,
भारत सरकार, कृषि भवन,
नई दिल्ली
 
8. डॉ. सुरभि राय निदेशक (आरसी), ग्रामीण विकास मंत्रालय,
भारत सरकार, कृषि भवन,
नई दिल्ली
 
9. सुश्री ममता संयुक्त निदेशक (आरसी), ग्रामीण विकास मंत्रालय,
भारत सरकार, कृषि भवन,
नई दिल्ली
 
10. श्री के.एम.सिंह उप सचिव(आरसी), ग्रामीण विकास मंत्रालय,
भारत सरकार, कृषि भवन,
नई दिल्ली
 
11. श्री शैलेश कुमार उप सचिव (आरएच), ग्रामीण विकास मंत्रालय,
भारत सरकार, कृषि भवन,
नई दिल्ली
 

गवाह

  • क. विभिन्न तकनीकी एजेंसियों के साथ चर्चा करना और ग्रामीण सड़कों के उचित डिजाइन और विनिर्देश तय करना और उसके बाद, पुलों और पुलिया सहित ग्रामीण सड़कों के डिजाइन और विनिर्देशों को निर्धारित करने में ग्रामीण विकास मंत्रालय की सहायता करना।
  • ख. प्रधान तकनीकी एजेंसियों और राज्य तकनीकी एजेंसियों द्वारा किए जाने वाले कार्यों का निर्धारण करना।
  • ग. उन्हें सौंपे जाने वाले कार्यों को करने के लिए प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थानों को प्रमुख तकनीकी एजेंसियों और राज्य तकनीकी एजेंसियों के रूप में नियुक्त करना।
  • घ. जिला ग्रामीण सड़क योजनाएं तैयार करने में राज्यों या संघ शासित प्रदेशों को सहायता प्रदान करना।
  • ङ. ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा राज्यों और संघ शासित प्रदेशों से विचारार्थ प्राप्त प्रस्तावों की संवीक्षा करना या संवीक्षा की व्यवस्था करना।
  • च. जिस सड़क के निष्पादन को मंत्रालय द्वारा मंजूरी दे दी गई है और राज्यों या संघ शासित प्रदेशों द्वारा अपनी निष्पादन एजेंसियों के माध्यम से इसको कार्यान्वित किया जा रहा है, उनका स्वतंत्र मॉनिटर्स के माध्यम से पर्यवेक्षण और निरीक्षण करना या निरीक्षण की व्यवस्था करना।
  • छ. राज्यों की एजेंसियों द्वारा सड़क निर्माण कार्यों का उचित निष्पादन सुनिश्चित करने के लिए ग्रामीण सड़कों के संबंध में अनुभव रखने वाले सेवारत या सेवानिवृत्त इंजीनियरों, शिक्षाविदों, प्रशासकों और अन्य एजेंसियों को स्वतंत्र मॉनिटरों के रूप में नियुक्त करना।
  • ज. समापन की तय समय सीमा, तकनीकी विनिर्देश, परियोजना मूल्यांकन और गुणवत्ता नियंत्रण विधियों के विशेष संदर्भ में सड़क निर्माण कार्यों की प्रगति की निगरानी करना।
  • झ. सहज अवलोकन और आंकड़ों की छानबीन को सुगम बनाने हेतु अद्यतन जानकारी प्राप्त करने के लिए इंट्रानेट और इंटरनेट-आधारित दोनों प्रणालियों को समाहित करते हुए एक “ऑन-लाइन प्रबंधन निगरानी और लेखा प्रणाली" स्थापित करना।
  • ञ. राज्यों या संघ शासित प्रदेशों द्वारा सड़क निर्माण कार्यों के कार्यान्वयन की प्रगति पर ग्रामीण विकास मंत्रालय को आवधिक रिपोर्टें भेजना।
  • ट. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत, राज्यों या संघ शासित प्रदेशों द्वारा शुरू की गईं ग्रामीण सड़कों के दोनों तरफ फलदायक और अन्य उपयुक्त पेड़ों के रोपण की योजना और पौधा रोपण की निगरानी करना।
  • ठ. ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा जारी धन के संदर्भ में राज्यों या संघ शासित प्रदेशों से प्राप्त व्यय रिपोर्टों और ऑन-लाइन प्रबंधन निगरानी तथा लेखांकन प्रणाली के माध्यम से, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के कार्यान्वयन पर राज्यों या संघ शासित प्रदेशों द्वारा किए गए व्यय की निगरानी करना।
  • ड. प्रायोगिक परियोजनाओं के निष्पाादन सहित, ग्रामीण सड़कों से संबंधित अनुसंधान गतिविधियों को करना।
  • ढ. ग्रामीण सड़कों के संबंध में विभिन्न प्रौद्योगिकियों का अध्ययन तथा मूल्यांकन करना और विभिन्न प्रौद्योगिकियों वाली परियोजनाओं को प्रारंभ करना।
  • ण. ग्रामीण सड़कों के संबंध में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तर के ख्याति प्राप्त संस्थानों, एजेंसियों या निकायों के साथ सहकार्यता करना।
  • त. ग्रामीण सड़क कार्यक्रम के कार्यान्वयन से जुड़े मंत्रालय के अधिकारियों के साथ-साथ राज्य सरकारों या संघ शासित प्रदेशों के अधिकारियों के लिए प्रतिष्ठित संस्थानों में उपयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रमों की व्यवस्था करना।
  • थ. ग्रामीण सड़कों की गुणवत्ता और लागत-मानदंडों में सुधार के उपायों पर सलाह देना।
  • द. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के संदर्भ में पुस्तडकें, साहित्य प्रकाशित करना, प्रचार सामग्री, प्रिंट, श्रव्य या दृश्य-श्रव्य सामग्री का सृजन करना अथवा इसकी व्यवस्था करना।
  • ध. ग्रामीण सड़कों के संबंध में कार्यशालाएं और गोष्ठियां आयोजित तथा प्रायोजित करना।
  • न. ग्रामीण सड़कों के निर्माण में अपेक्षित उपकरण या मशीनरी खरीदना, पट्टे और किराए पर लेना।
  • प. कार्यक्रम के उदेश्योंे को आगे बढाने तथा प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की योजना बनाने और कार्यान्वयन में ग्रामीण विकास मंत्रालय को सहयोग प्रदान करने के लिए इससे संबंाधित ऐसी अन्य आवश्यिक गतिविधियों को करना, जिन्हेंो किया जा सकता है, उनके लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय को सहयोग प्रदान करना।
    • क. नाबार्ड से वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए विशेष प्रयोजन की संस्था के रूप में कार्य करना और मंत्रालय द्वारा सूचित लक्ष्ये के संबंध में निधि गैप के आधार पर इसे राज्यों को वितरित करना।
    • ख. वार्षिक कार्य योजना के विकास में राज्यों की सहायता करना और वार्षिक कार्य योजना को अंतिम रूप देने के लिए अधिकार प्राप्त समिति की बैठक के दौरान लिए गए निर्णयों पर अनुवर्ती कार्रवाई करना।
    • ग. यूएनडीपी, आईआईटी आदि जैसी एजेंसियों के साथ कार्य करना और योजना, भवनों की ऊचॉई, और विभिन्न क्षेत्रों के लिए उपयुक्त आकलन सहित राज्य वार आवासीय डिजाइन प्ररूपताओं (टाइपोलॉजी) के विकास के लिए राज्यों की सहायता करना।
    • घ. राजमिस्त्री प्रशिक्षण कार्यक्रम लागू करने में केंद्र और राज्यों की सहायता करना।
    • ङ. राज्य तकनीकी सहायता एजेंसियों को चिह्नित करने और राज्य तकनीकी सहायता एजेंसियों और अन्य राज्य स्तरीय तकनीकी कार्मिकों के लिए उन्मुखीकरण और पुनश्चर्या प्रशिक्षण का आयोजन करने में राज्यों की सहायता करना।
    • च. गुणवत्ता युक्त निर्माण सामग्री के उत्पादन और आपूर्ति का समन्वय करना। बाजार भाव की तुलना में कम लागत पर निर्माण सामग्री उपलब्ध करवाने हेतु उद्योग समूहों से मोलभाव करना और जिला निर्माण सामग्री बैंकों की स्थापना करने में सहायता करना।
    • छ. राज्य, जिला और खंड स्तर पर परियोजना प्रबंधन इकाइयों की स्थापना करने में राज्यों की सहायता करना और सलाह देना।
    • ज. निष्पादन और पारदर्शिता में सुधार करने और लीकेज़ को कम करने के लिए आईटी प्रबंधन प्रणालियों के डिजाइन और विकास में योगदान करना। प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस) में समाहित किये जाने के लिए उपयुक्त निगरानी संकेतकों को चिह्नित करना और प्रबंधन सूचना प्रणाली आंकड़ों का विश्लेषण करने में ग्रामीण विकास मंत्रालय की सहायता करना।
    • झ. हितधारकों की भागीदारी के माध्यम से ग्रामीण आवास अभिज्ञान नेटवर्क (आरएचकेएन) पोर्टल की सामग्री का प्रबंधन करना।
    • ञ. आवास योजना कार्यान्वयन से जुड़े मंत्रालय के अधिकारियों के साथ-साथ राज्य सरकारों और संघ शासित प्रदेशों के अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करना।
    • ट. पुस्तकें और साहित्य प्रकाशित करना तथा प्रचार सामग्री के सृजन की व्यवस्था करना।
    • ठ. ग्रामीण विकास मंत्रालय की अपेक्षा के अनुरूप राष्ट्रीय और क्षेत्रीय कार्यशालाओं का आयोजन करना।
    • ड. ग्रामीण आवास कार्यक्रमों के निष्पादन, निगरानी और सुधार के लिए आवश्यक विभिन्न गतिविधियों को करने के लिए पेशेवरों को नियुक्तस करना ।
    • ढ. ग्रामीण आवास में की गईं पहलों पर राष्ट्रीय मीडिया कवरेज करने में सहायता करना।
    • ण. सरकार के ग्रामीण आवास कार्यक्रम पर अनुसंधान, प्रायोगिक अध्ययनों, निगरानी और मूल्यांकन अध्ययनों का दायित्व लेना और देश में ग्रामीण आवास की स्थिति को अभिनिश्चित करना।
    • त. अनुसंधान संस्थानों के साथ साझेदारी करके ग्रामीण आवास में अनुसंधान एवं विकास के लिए प्रस्तावों को तैयार करना।
    • थ. कार्यक्रम के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने तथा प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना की योजना बनाने और कार्यान्वयन में ग्रामीण विकास मंत्रालय की सहायता करने के लिए इससे संबंनधित ऐसी अन्य आवश्य क गतिविधियों को करना,जिन्हें किया जा सकता है।
    • क. केंद्र सरकार द्वारा सहायता अनुदान।
    • ख. नाबार्ड और/या किसी अन्य वित्तीय संस्था से ऋण।
    • ग. बहुपक्षीय एजेंसियों से योगदान।
    • घ. सीएसआर के तहत कंपनियों से योगदान।
    • ङ. आम सभा की अनुमति से कोई अन्य तरीका।
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