National Rural Infrastructure Development Agency

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नियम एवं विनियम

1.

  • क. ये नियम और विनियम राष्ट्रीय ग्रामीण अवसंरचना विकास एजेंसी नियम के नाम से जाने जाएंगे।
  • ख. ये नियम उस तारीख से लागू होंगे, जिस दिन एजेंसी नामत: राष्ट्रीय ग्रामीण अवसंरचना विकास एजेंसी, सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत पंजीकृत एक सोसाइटी, की आम सभा इसे अधिसूचित करेगी।

2.

  • क. ‘एजेंसी’ का अर्थ राष्ट्रीय ग्रामीण अवसंरचना विकास एजेंसी है।
  • ख. ‘आम सभा’ का अर्थ है राष्ट्रीय ग्रामीण अवसंरचना विकास एजेंसी की आम सभा।
  • ग. ‘अध्यक्ष’ का अर्थ है राष्ट्रीय ग्रामीण अवसंरचना विकास एजेंसी की आम सभा के अध्यक्ष अर्थात माननीय ग्रामीण विकास मंत्री, भारत संघ।
  • घ. ‘सह-अध्यक्ष’ का अर्थ है राष्ट्रीय ग्रामीण अवसंरचना विकास एजेंसी की आम सभा के सह-अध्यक्ष अर्थात माननीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री, भारत संघ।
  • ङ. ‘उपाध्यक्ष’ का अर्थ है राष्ट्रीय ग्रामीण अवसंरचना विकास एजेंसी के उपाध्यक्ष अर्थात सचिव, ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत संघ।
  • च. `महानिदेशक’ का अर्थ है राष्ट्रीय ग्रामीण अवसंरचना विकास एजेंसी के महानिदेशक अर्थात अपर सचिव/संयुक्त सचिव (आरसी), ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत संघ
  • छ. ‘अपर महानिदेशक’ का अर्थ है राष्ट्रीय ग्रामीण अवसंरचना विकास एजेंसी के अपर महानिदेशक अर्थात अपर सचिव/संयुक्त सचिव/उप महानिदेशक (आरएच), ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत संघ
  • ज. जब तक अन्यथा अभिप्रेत न हो ‘वर्ष' का अर्थ भारत सरकार का वित्त वर्ष है।

3. राष्ट्रीय ग्रामीण अवसंरचना विकास एजेंसी का पंजीकृत कार्यालय 5वां तल, 15-एनबीसीसी टॉवर, भीकाजी कामा प्लेस, नई दिल्ली-110066 में स्थित होगा।

4. एजेंसी के सदस्यों की संख्या 21 से अधिक नहीं होगी। एजेंसी के सदस्यों को अध्यक्ष द्वारा नामित किया जाएगा। एजेंसी की सदस्यता निम्नलिखित में से होगी: -

  • क. पदेन सदस्यों के रूप में केंद्र, राज्य सरकारों या किसी अन्य सरकारी प्राधिकरण के प्रतिनिधि।
  • ख. ग्रामीण अवसंरचना या राष्ट्रीय ग्रामीण अवसंरचना विकास एजेंसी के किसी भी उद्देश्य से जुड़ी किसी भी गतिविधि में संलग्न पंजीकृत निकाय, संस्थाएं।
  • ग. एजेंसी के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए विशेष विशेषज्ञता, योग्यता या अनुभव रखने वाले व्यक्ति। प्रतिनिधित्व नाम या पदनाम द्वारा हो सकता है, जिसे उपयुक्त समझा जाए।

5. जब कोई व्यक्ति कार्यालय जिसमें वह नियुक्तत हुआ/ हुई है‍, जिस पद पर पदस्थत हुआ / हुई के कारण एजेंसी का/की सदस्ये बनता / बनती है, तो एजेंसी की उसकी सदस्यता तभी समाप्त हो जाएगी जब वह उस कार्यालय या नियुक्ति से हट जाएगा/जाएगी।

6. पदेन सदस्यों के अलावा अन्य सदस्यों की सदस्यता निम्नलिखित घटनाओं में से किसी एक के होने पर समाप्त हो जाएगी: -

  • क. सदस्यता की अवधि जिसके लिए नामांकन किया गया हो, के समाप्त होने पर;
  • ख. मृत्यु, त्याधगपत्र, दिवालियापन, पागलपन या नैतिक अधमता वाले किसी आपराधिक अपराध के लिए दोष सिद्धि;
  • ग. यदि सदस्य अनुपस्थिति के लि‍ए समुचित स्वीपकृति के बगैर आम सभा की लगातार तीन बैठकों में उपस्थित नहीं रहता है।

7.

  • क. अन्य प्रावधानों के अधीन, पदेन सदस्यों के अलावा एजेंसी का सदस्य, अपने नामांकन होने की तिथि से दो वर्ष की अवधि के लिए पदस्थे रहेगा / रहेगी और अध्यक्ष द्वारा पुनः नामांकन के लिए पात्र होगा / होगी।
  • ख. यदि दो वर्ष की अवधि के दौरान कोई आकस्मिक रिक्ति होती है, तो ऐसी रिक्ति को मूल रिक्ति के रूप में ही भरा जाएगा और शामिल किया गया सदस्य निर्धारित अवधि की बकाया अवधि के लिए पदस्थ रहेगा /रहेगी ।

8. जब किसी सदस्य को एजेंसी की अपनी सदस्यता त्यागने की इच्छा हो, तो वह अपना त्याग-पत्र अध्यक्ष को सौंप देगा/देगी।

9. एजेंसी अपना कार्य करती रहेगी चाहे इसके किसी भी निकाय में कोई भी रिक्ति रहे और एजेंसी का कोई भी कार्य, निदेश या कार्यवाही ऐसी रिक्ति या इसके किसी भी सदस्य की नियुक्ति में किसी भी दोष के कारण अमान्य नहीं होगा।

एजेंसी के प्राधिकारी

10. एजेंसी के प्राधिकारी निम्नलिखित होंगे:

  • I. आम सभा
  • II. अध्यक्ष
  • III.सह-अध्यक्ष
  • IV. उपाध्यक्ष
  • V. कार्यकारी समिति
  • VI. महानिदेशक
  • VII. अपर महानिदेशक
  • VIII.एजेंसी के अन्य ऐसे अधिकारी जिन्हें आम सभा समय-समय पर नियुक्तत कर सकती है।

I. आम सभा

11. एजेंसी की एक आम सभा होगी और इसमें एजेंसी के सभी सदस्य शामिल होंगे।

12. आम सभा की बैठक सामान्यतः 6 महीने में एक बार परंतु वर्ष में कम से कम एक बार, ऐसी तारीख, समय और स्थान पर होगी जिसे अध्यक्ष द्वारा निर्धारित किया जाएगा। अध्यक्ष असाधारण बैठक बुलाने के लिए भी स्वतंत्र होंगे।

13.

  • क. आम सभा की सभी बैठकें और महानिदेशक के हस्ताक्षर के तहत लिखित नोटिस के द्वारा आमंत्रित की जाएंगी।
  • ख. आम सभा की बैठक बुलाने से संबंधित प्रत्येक नोटिस में बैठक की तारीख, समय और स्थान बताया जाएगा और इसे बैठक के लिए तय किए गए दिन से सामान्यतः 15 दिन पहले एजेंसी के प्रत्येक सदस्य को वितरित किया जाएगा या डाक द्वारा भेजा जाएगा।
  • ग. किसी भी सदस्य को नोटिस देने में अनवधानता वश हुई भूल-चूक या नोटिस प्राप्त न होने या नोटिस देर से प्राप्त होने से बैठक की कार्यवाही अमान्य नहीं होगी और यह प्रमाण कि ऐसे नोटिस वाले लिफाफे पर सही पता लिखा गया है और इसे विधिवत पोस्ट किया गया था, ऐसे नोटिस का पर्याप्त प्रमाण होगा।

14. आम सभा की निम्नलिखित शक्तियां और कार्य होंगे, नामतः

  • क. एजेंसी के दक्षतापूर्ण कामकाज के लिए सभी नीतिगत दिशानिर्देश और निदेश देना;
  • ख. एजेंसी के कामकाज के लिए वार्षिक बजट सहित वार्षिक कार्रवाई योजना का अनुमोदन करना;
  • ग. विगत वित्तीय वर्ष के तुलन-पत्र और लेखा-परीक्षित लेखाओं को स्वीकार करना ;
  • घ. एजेंसी के नियमों में संवर्धन और संशोधन करना;
  • ड. एजेंसी के कामकाज के नियमन के लिए ऐसी उप-विधियां बनाना जो इन नियमों के साथ असंगत न हों;
  • च. एजेंसी के कामकाज की निगरानी करना;
  • छ. एजेंसी की वार्षिक रिपोर्ट का अनुमोदन करना;
  • ज. कार्मिकों की संख्यार और एजेंसी द्वारा नियुक्त किए जाने वाले कार्मिकों की सेवा शर्तें और निबंधन तय करना;
  • झ. प्रधान तकनीकी एजेंसियों की नियुक्ति और उनके द्वारा किए जाने वाले कार्यों का निर्धारण करना;
  • ञ. एजेंसी के अन्य् प्राधिकारियों को ऐसी शक्तियों, जिन्हें यह आवश्यक और उचित समझे, का प्रत्यायोजन करना;

II. अध्यक्ष

15.

  • क. एजेंसी से संबंधित मंत्रालय/विभाग के प्रभारी मंत्री एजेंसी के पदेन अध्यक्ष होंगे।
  • ख. यदि किसी विशेष मुद्दे के समर्थन और विरोध में मत बराबर हों, तो अध्यक्ष अपने निर्णायक मत का इस्तेमाल करेंगे।
  • ग. अध्यक्ष को किसी अन्य व्यक्ति(यों) को एजेंसी की बैठकों में भाग लेने के लिए आमंत्रित करने का अधिकार होगा, परंतु ऐसे व्यक्ति के पास मतदान की शक्ति नहीं होगी।
  • घ. अध्यक्ष आम सभा के सदस्यों को नामित करेंगे।
  • ङ. आम सभा की दो बैठकों के अंतराल के बीच अध्यक्ष आम सभा की शक्तियों का प्रयोग करेंगे। ऐसी हैसियत में कार्य करते हुए, अध्यक्ष द्वारा लिए गए निर्णय अनुसमर्थन के लिए आम सभा की अगली बैठक में रखे जाएंगे।
  • च. अध्यक्ष जिन्हें आवश्यक समझें, ऐसी शक्तियों को सह-अध्यक्ष, उपाध्यक्ष या महानिदेशक/अपर महानिदेशक को लिखित रूप में प्रत्यायोजित कर सकते हैं।

III. सह-अध्यक्ष

16.

  • क. एजेंसी से संबंधित मंत्रालय/विभाग के प्रभारी राज्य मंत्री एजेंसी के पदेन सह-अध्यक्ष होंगे।
  • ख. अध्यक्ष आम सभा की बैठकों की अध्यक्षता करेंगे। उनकी अनुपस्थिति में सह-अध्यक्ष बैठकों की अध्यक्षता करेंगे।

IV. उपाध्यक्ष

17.

  • क. एजेंसी से संबंधित मंत्रालय/विभाग के प्रभारी सचिव एजेंसी के पदेन उपाध्यक्ष होंगे।
  • ख. अध्यक्ष और सह-अध्यक्ष की अनुपस्थिति में, उपाध्यक्ष आम सभा की बैठकों की अध्यक्षता करेंगे।
  • ग. उपाध्यक्ष ऐसी शक्तियों का प्रयोग करेंगे और ऐसे कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे जो अध्यक्ष/सह-अध्यक्ष उन्हेंे प्रत्यायोजित करते हैं।

V. कार्यकारी समिति

18. एजेंसी की दो उप-समितियों की एक कार्यकारी समिति होगी और ये निम्नलिखित प्रभागों के साथ काम करेंगी:

  • क. ग्रामीण सड़कें, और
  • ख. ग्रामीण आवास
  • i. महानिदेशक कार्यकारी समिति के पदेन अध्यक्ष होंगे।
  • ii. अपर महानिदेशक कार्यकारी समिति के सदस्य होंगे वे महानिदेशक की अनुपस्थिति में कार्यकारी समिति की सभी बैठकों की अध्यक्षता करेंगे/ करेंगी।
  • iii.आम सभा के अध्यक्ष द्वारा पांच सदस्य नियुक्त किए जाने है, जिनमें से एक वित्त सदस्य (आईएफडी, ग्रामीण विकास मंत्रालय) और शेष चार सदस्य, प्रधान तकनीकी एजेंसियों में से होंगे, दो ग्रामीण सड़कों के लिए और दो ग्रामीण आवास के लिए और वे नीचे वर्णित उप-समितियों के सदस्य नहीं होंगे। कार्यकारी समिति की गण पूर्ति की गणना केवल बाहर के सदस्यों के साथ की जाएगी।
  • iv. आम सभा के अध्यक्ष द्वारा नामित किए जाने वाले, एजेंसी के ऐसे अधिकारी, चार से अधिक नहीं होंगे अर्थात एनआरआईडीए की ग्रामीण सड़क से दो निदेशक और ग्रामीण आवास से दो निदेशक।

उप-समितियों में निम्नलिखित सदस्य शामिल होंगे :

  • i. ग्रामीण सड़क उप-समिति के मामले में महानिदेशक अध्यक्ष होंगे।
  • ii. ग्रामीण आवास उप-समिति के मामले में अपर महानिदेशक अध्यक्ष होंगे।
  • iii.आम सभा के अध्यक्ष द्वारा प्रत्येक उप-समिति के संबंध में तीन सदस्य नियुक्त किए जाने हैं, जिनमें से एक वित्त सदस्य (आईएफडी, ग्रामीण विकास मंत्रालय) होगें और शेष दो ग्रामीण सड़क और ग्रामीण आवास के लिए प्रधान तकनीकी एजेंसियों में से एक-एक होंगे। दोनों उप-समितियों के लिए वित्त सदस्य एक ही हो सकता है।
  • iv. एजेंसी के सभी निदेशक संबंधित उप-समितियों के सदस्य होंगे।

19. कार्यकारी समिति की उप-समितियां आवश्यकतानुसार जब चाहें तब, परंतु दो माह में कम से कम एक बार बैठक करेगी और कार्यकारी समिति आवश्यकतानुसार जब चाहे तब परंतु तीन माह में कम से कम एक बार बैठक करेगी।

20.

  • क. कार्यकारी समिति की सभी बैठकें अर्थात यथा ऊपर निर्दिष्टद सदस्यों को शामिल करते हुए बैठक की तारीख, समय और स्थान सूचित करते हुए बैठक के लिए निर्धारित दिन से सामान्यतः 7 दिन पहले लिखित नोटिस जारी कर महानिदेशक या उनकी अनुपस्थिति में अपर महानिदेशक द्वारा बुलाई जा सकती हैं।
  • ख. कार्यकारी समिति की उप-समितियों की सभी बैठकें ग्रामीण सड़क के मामले में महानिदेशक और ग्रामीण आवास के मामले में अपर महानिदेशक द्वारा स्वयं हस्ताक्षरित और लिखित नोटिस द्वारा बुलाई जा सकती हैं।
  • ग. कार्यकारी समिति की उप-समितियों की बैठक बुलाने से संबंधित प्रत्येक नोटिस में उप-समितियों की बैठक की तारीख, समय और स्थान की सूचना बैठक के तय दिन से पूरे सात दिन पहले दी जाएगी।
  • घ. महानिदेशक, एनआरआईडीए विशेष परिस्थितियों में कार्यकारी समिति की दोनों उप-समितियों की बैठक सात दिन से कम अवधि के नोटिस पर बुला सकते हैं।
  • ङ. किसी भी सदस्य को नोटिस भेजने में अनवधानता वश हुई भूल-चूक अथवा नोटिस प्राप्त न होने अथवा नोटिस की देर से प्राप्ति के चलते बैठक की कार्यवाही अमान्य नहीं होगी।

21. कार्यकारी समिति की शक्तियां और कार्य निम्नानुसार होंगे:

  • क. आम सभा के सामान्य नियंत्रण और पर्यवेक्षण के अधीन, कार्यकारी समिति ग्रामीण सड़कों और ग्रामीण आवास के संबंध में संस्थापन प्रलेख में वर्णित एजेंसी के उद्देश्यों के प्रति लक्ष्य-संधान और उनका कार्यान्वयन करेगी।
  • ख. कार्यकारी समिति एजेंसी की सभी कार्यकारी और वित्तीय शक्तियों का प्रयोग करेगी, जो ऐसे निदेशों के अध्यसधीन होंगी जो भारत सरकार और आम सभा द्वारा समय समय पर जारी किए जाते हैं।
  • ग. कार्यकारी समिति की विशेष रूप से और पूर्वगामी प्रावधानों की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, निम्नलिखित शक्तियां होंगी:
  • i. एजेंसी के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए विस्तृत योजनाओं और कार्यक्रमों को तैयार करना और उनका क्रियान्वयन करना।
  • ii. इसके समक्ष रखे गए वार्षिक और अनुपूरक बजटों पर विचार करना और आम सभा को प्रस्तुत किए जाने के लिए आवश्यक संशोधनों के साथ उन्हें पारित करना।
  • iii. आम सभा के विचारार्थ सोसाइटी की वार्षिक रिपोर्ट और लेखे तैयार करना।
  • iv. आम सभा द्वारा स्वीइकृत संख्या् के अनुसार कर्मचारियों की नियुक्ति करना।
  • v. राज्य तकनीकी एजेंसियों की नियुक्ति करना और उनके द्वारा किए जाने वाले कार्यों का निर्धारण करना।
  • vi. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना–ग्रामीण के तहत राज्यों/संघ शासित प्रदेशों द्वारा सड़क निर्माण कार्यों और ग्रामीण आवास की प्रगति और इन पर वहन किए गए व्यय की निगरानी करना।
  • vii. सड़क-निर्माण कार्यों और ग्रामीण आवास की गुणवत्ता का निरीक्षण करने और रिपोर्ट देने के लिए स्वतंत्र मॉनिटर नियुक्त करना।
  • viii. उपयुक्त तकनीकी संस्थानों द्वारा पायलट परियोजनाओं के निष्पादन सहित ग्रामीण सड़कों और ग्रामीण आवास से संबंधित अनुसंधान गतिविधियों का दायित्व लेना।
  • ix. आवश्यकता पड़ने पर तकनीकी विशेषज्ञों की सेवाएं लेना।
  • x. ग्रामीण सड़क और ग्रामीण आवास कार्यक्रम से जुड़े मंत्रालय के साथ-साथ राज्य सरकारों और संघ शासित प्रदेशों के अधिकारियों के लिए प्रतिष्ठित संस्थानों में उपयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रमों की व्यवस्था करना।
  • xi. सोसाइटी की निधियों को प्राप्त करना और इसे अभिरक्षा में रखना और सोसाइटी की संपत्ति का प्रबंधन करना।
  • xii. अनुमोदित बजट के प्रावधानों के अध्यधीन व्यय करना।
  • xiii. एजेंसी के लिए और इसकी ओर से समझौते करना।
  • xiv. छात्रवृति, प्रतिनियुक्ति, परामर्श, सहायता अनुदान, अनुसंधान योजनाओं और परियोजनाओं को विनियंत्रित करने हेतु शर्तें और निबंधन तय करना।
  • xv. भारत सरकार के साथ और, सरकार के माध्यम से विदेशी और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों और संगठनों, राज्य सरकारों और अन्य सार्वजनिक या निजी निकायों, या संगठनों या व्यक्तियों के साथ कामकाज के समझौते करना, बशर्ते कि इनमें कुछ भी सोसाइटी के उद्देश्यों या भारत सरकार की नीतियों के विरुद्ध न हो।
  • xvi. किसी भी मामले से निपटने और इस पर सिफारिश करने के लिए ऐसे व्यक्तियों, जो एजेंसी के सदस्य या कर्मचारी हो भी सकते हैं और नहीं भी हो सकते, की उप-समितियां और पैनल नियुक्त करना।
  • xvii. एजेंसी द्वारा प्रदत्त सेवाओं के लिए शुल्क और प्रभार लगाना और वसूल करना।
  • xviii. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में धन जमा करना।
  • xix. आम सभा/अध्यक्ष/सह-अध्यक्ष द्वारा उचित समझे गए किसी अन्य मामले पर विचार करना।
  • घ. कार्यकारी समिति अपनी किसी भी शक्ति को महानिदेशक या एजेंसी के किसी अधिकारी को प्रत्यायोजित कर सकती है।
  • ङ. कार्यकारी समिति की दोनों उप-समितियां उनके अनुसमर्थन/अनुमोदन के लिए उपर्युक्त कार्रवाइयों की संस्तुति कार्यकारी समिति को करेंगी।

VI. महानिदेशक

22.

  • क. ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार के अपर सचिव/संयुक्त सचिव (ग्रामीण संपर्कता) राष्ट्रीय ग्रामीण अवसंरचना विकास एजेंसी के पदेन महानिदेशक होंगे।
  • ख. वे कार्यकारी समिति की सभी बैठकों की अध्यक्षता करेंगे।

23.

  • क. महानिदेशक यह सुनिश्चित करेंगे कि एजेंसी के कामकाज दक्षतापूर्वक और संस्थापन प्रलेख के प्रावधानों, नियमों और विनियमों और एजेंसी की उपविधियों के अनुरूप किए जाते हैं ।
  • ख. महानिदेशक, एनआरआईडीए की कार्यकारी समिति और ग्रामीण सड़कों के लिए कार्यकारी समिति की उप-समिति की बैठकों की अध्यक्षता करेंगे।
  • ग. महानिदेशक, एनआरआईडीए के संबंध में कार्यकारी समिति और ग्रामीण सड़कों के लिए कार्यकारी समिति की उप-समिति की बैठक कभी भी बुला सकते हैं।
  • घ. महानिदेशक ऐसी वित्तीय शक्तियों का प्रयोग करेंगे जैसी एनआरआईडीए की कार्यकारी समिति द्वारा प्रत्यायोजित हैं।
  • ङ. महानिदेशक प्रतिनियुक्ति, अनुबंध या अंशकालिक आधार पर आम सभा द्वारा स्वीकृत सभी पदों के लिए एजेंसी में नियुक्ति प्राधिकारी होंगे।
  • च. महानिदेशक एनआरआईडीए की कार्यकारी समिति के साथ-साथ ग्रामीण सड़कों के लिए कार्यकारी समिति की उप-समिति की बैठकों में शामिल होने के लिए किसी भी अन्य व्यक्ति को आमंत्रित करने के लिए अधिकृत होंगे ।
  • छ. कार्यकारी समिति की दो बैठकों के अंतराल में एनआरआईडीए के संबंध में महानिदेशक, एजेंसी की कार्यकारी समिति की शक्तियों का प्रयोग करेंगे। महानिदेशक द्वारा इस हैसियत से लिए गए सभी निर्णय, अनुसमर्थन के लिए कार्यकारी समिति की अगली बैठक में रखे जाएंगे।
  • ज. महानिदेशक जैसा आवश्यक समझें, इन शक्तियों का प्रत्यायोजन, लिखित रूप में, एजेंसी के किसी भी अधिकारी को कर सकते हैं।
  • झ. महानिदेशक एनआरआईडीए के प्रशासनिक और वित्तीय प्रमुख होंगे।
  • ञ. अपर महानिदेशक की अनुपस्थिति में, महानिदेशक ग्रामीण आवास के लिए कार्यकारी समिति की उप-समिति की अध्यक्षता कर सकते हैं।

VII. अपर महानिदेशक

24.

  • क. ग्रामीण आवास से संबंधित ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार के अपर सचिव/संयुक्त सचिव/उप-महानिदेशक (ग्रामीण आवास), राष्ट्रीय ग्रामीण अवसंरचना विकास एजेंसी के पदेन अपर महानिदेशक होंगे।
  • ख. वे कार्यकारी समिति की ग्रामीण आवास संबंधी उप-समिति की सभी बैठकों की अध्यक्षता करेंगे।
  • ग. महानिदेशक की अनुपस्थिति में वे कार्यकारी समिति और ग्रामीण सड़क संबंधी उप-समिति की सभी बैठकों की अध्यक्षता करेंगे।
  • घ. वे कार्यकारी समिति के सदस्य के तौर पर कार्यकारी समिति की बैठकों में भाग लेंगे।

25.

  • क. अपर महानिदेशक यह सुनिश्चित करेंगे कि ग्रामीण आवास के संबंध में एजेंसी का कामकाज दक्षतापूर्वक और संस्थापन प्रलेख के प्रावधानों और एजेंसी के नियमों और विनियमों और उपविधियों के अनुरूप किया जाता है।
  • ख. जब महानिदेशक न हों, तो ऐसी स्थिति में अपर महानिदेशक किसी भी समय कार्यकारी समिति की बैठक बुला सकते हैं।
  • ग. अपर महानिदेशक ऐसी वित्तीय शक्तियों का प्रयोग करेंगे जो कार्यकारी समिति की ग्रामीण आवास संबंधी उप-समिति द्वारा प्रत्यायोजित की गई हों।
  • घ. अपर महानिदेशक एनआरआईडीए की कार्यकारी समिति के साथ-साथ कार्यकारी समिति की ग्रामीण आवास संबंधी उप-समिति की बैठकों में शामिल होने के लिए किसी भी अन्य व्यक्ति को आमंत्रित करने के लिए अधिकृत होंगे।
  • ङ. अपर महानिदेशक जैसा आवश्यक समझें, ग्रामीण आवास के संबंध में लिखित रूप में, इन शक्तियों का प्रत्यायोजन एजेंसी के किसी भी अधिकारी को कर सकते हैं।
  • च. एजेंसी में प्रतिनियुक्ति, अनुबंध या अंशकालिक आधार पर नियुक्तिब‍ के लिए आम सभा द्वारा स्वीकृत सभी पदों के लिए नियुक्ति प्राधिकारी महानिदेशक होंगे। हालांकि, ग्रामीण आवास के संबंध में, ऐसा अपर महानिदेशक की संस्तुति पर किया जाएगा। ग्रामीण आवास के संबंध में आम सभा द्वारा स्वीकृत सभी पदों पर तात्कालिक आवश्यकता होने पर अपर महानिदेशक प्रतिनियुक्ति, अनुबंध या अंशकालिक आधार पर नियुक्ति कर सकते हैं, जिसका अनुसमर्थन कार्यकारी समिति की आगामी बैठक में किया जाएगा।

एजेंसी की निधियां

26. एजेंसी की निधियों के निम्नानुसार दो हिस्से होंगे:

I. ग्रामीण सड़कें:

  • क. ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा दिया गया अनुदान;
  • ख. अपने द्वारा दी गई सेवाओं के लिए एजेंसी द्वारा अधिरोपित शुल्क और प्रभार;
  • ग. जमाओं से आय;
  • घ. अन्य स्रोतों से आय और प्राप्तियां;
  • ङ. बहुपक्षीय एजेंसियों से योगदान।
  • च. सीएसआर के तहत कंपनियों से योगदान; और
  • छ. ऐसी अन्य निधियां जो एजेंसी द्वारा प्राप्ता की जा सकती हैं।

II. ग्रामीण आवास :

  • क. ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा दिया गया अनुदान;
  • ख. नाबार्ड और/या अन्य किसी वित्तीय संस्थान से ऋण;
  • ग. बहुपक्षीय एजेंसियों से योगदान;
  • घ. सीएसआर के तहत कंपनियों से योगदान;
  • ङ. अपने द्वारा दी गई सेवाओं के लिए एजेंसी द्वारा अधिरोपित शुल्क और प्रभार;
  • च. जमाओं से आय;
  • छ. अन्य स्रोतों से आय और प्राप्तियां; और
  • ज. ऐसी अन्य निधियां जो एजेंसी द्वारा प्राप्ता की जा सकती हैं।

27. एजेंसी का बैंकर सार्वजनिक क्षेत्र का कोई बैंक होगा।

लेखाओं की लेखा परीक्षा

28.

  • i. एजेंसी अपने धन से संबंधित लेखे नियमित रूप से अद्यतन रखेगी। लेखाओं का प्रबंधन उस रूप में किया जाएगा जैसा केंद्र सरकार के स्वाअयत्ते संस्था ओं पर लागू हो।
  • ii. एजेंसी के लेखाओं की लेखा-परीक्षा किसी चार्टर्ड एकाउंटेंट और भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक कार्यालय द्वारा प्रतिवर्ष की जाएगी।
  • iii. चार्टर्ड एकाउंटेंट या लेखा परीक्षक बहियों, लेखाओं, संबंधित वाउचरों और अन्य आवश्यक दस्तावेजों और कागजात को प्रस्तुत करने की मांग करने के लिए अधिकृत होगें।
  • iv. लेखा परीक्षक द्वारा लेखा-परीक्षा के परिणाम एजेंसी की आम सभा को संप्रेषित किए जाएंगे, जो अपनी टिप्पणियों के साथ ऑडिट रिपोर्ट की एक प्रति एजेंसी से संबंधित भारत सरकार के मंत्रालय/विभाग को प्रस्तुत करेगी। लेखा परीक्षक रिपोर्ट की एक प्रति एजेंसी से संबंधित भारत सरकार के मंत्रालय/विभाग को सीधे भी अग्रेषित करेगा।

वार्षिक रिपोर्ट

29. आम सभा और ग्रामीण विकास मंत्रालय की जानकारी के लिए कार्यकारी समिति द्वारा बैलेंस शीट और लेखा परीक्षित लेखाओं के साथ, एजेंसी के कामकाज और वर्ष के दौरान किए गए सभी कार्यों की वार्षिक रिपोर्ट तैयार की जाएगी। एजेंसी के लेखा परीक्षित लेखाओं और इनसे संबंधित लेखा परीक्षक की रिपोर्ट सहित वार्षिक रिपोर्ट का एक प्रारूप, आम सभा की वार्षिक बैठक में रखा जाएगा।

परिसंपत्तियां

30. राष्ट्रीय ग्रामीण सड़क विकास एजेंसी की परिसंपत्तियां अर्थात कार्यालय, भवन और अन्य चल परिसंपत्तियां इसके बाद राष्ट्रीय ग्रामीण अवसंरचना विकास एजेंसी की परिसंपत्तियां बन जाएंगी और एनआरआईडीए के दो प्रभागों अर्थात ग्रामीण सड़कें /संपर्कता और ग्रामीण आवास, में बंटवारा होने की स्थिति में एनआरआईडीए की वर्तमान परिसंपत्तियां ग्रामीण सड़कें/संपर्कता की परिसंपत्तियां बन जाएंगी।

संशोधन

31. भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय की पूर्व स्वीकृति के साथ, एजेंसी, अपने उस उद्देश्य को, जिसके लिए यह स्थापित है, अथवा दिल्ली में यथा लागू सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के प्रावधानों के अनुरूप किसी अन्य एजेंसी के साथ पूर्ण या आंशिक रूप से मिलाए जाने के लिए अपने उस उद्देश्य को बदल सकती है, विस्तारित या संक्षिप्त कर सकती है।

32. एजेंसी के नियम, इस प्रयोजन से बुलाई गई आम सभा की बैठक में उपस्थित और मतदान में भाग लेने वाले, आम सभा के सदस्यों के बहुमत से पारित संकल्प द्वारा किसी भी समय बदले जा सकते हैं।

33. एजेंसी, ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार की पूर्व स्वीकृति प्राप्तय करके इस प्रयोजन से बुलाई गई आम सभा की बैठक में उपस्थित और मतदान में भाग लेने वाले आम सभा के सदस्यों के बहुमत से पारित संकल्प द्वारा अपना नाम बदल सकती है।

34. नियमों में उल्लिखित मंत्रालय/मंत्रालयों, विभाग(गों), संस्थान(नों) और पदनाम(मों) के नामकरण में जब भी कोई परिवर्तन होता है, ऐसे परिवर्तन स्वतः ही इन नियमों में शामिल समझे जाएंगे और इसे उपर्युक्ति नियम 32 के तहत नियमों के संशोधन के रूप में नहीं माना जाएगा।

35. एजेंसी के परिसमापन या विघटन पर, इसके सभी ऋणों और देयताओं को पूरा करने के बाद, यदि कोई भी संपत्ति, जो भी हो, शेष बचती है तो, यह एजेंसी के सदस्यों के बीच में बांटी नहीं जाएगी या उनमें से किसी एक को नहीं दी जाएगी, बल्कि यह राजसत्करण (escheat) द्वारा भारत सरकार को दे दी जाएगी।

विविध

36. एजेंसी के प्रत्येक अधिकारी को अपने कर्तव्यों के निर्वहन में होने वाली सभी हानियों और खर्चों के बाबत एजेंसी के धन से क्षतिपूरित किया जाएगा सिवाय तब जब ऐसा उनकी स्व यं की असावधानी, इरादतन कृत्य या चूक के कारण होगा और अपने कृत्य, असावधानी या चूक के लिए केवल वही उत्तरदायी होगा और कोई अन्य व्यक्ति नहीं।

37. सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम, l860 की धारा 4 के तहत यथापेक्षित आम सभा के सदस्यों की एक सूची वर्ष में एक बार समितियों के रजिस्ट्रार को प्रस्तुत की जाएगी।

38. सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम 1860 की धारा 6 में अधिकथित प्रावधानों के तहत एजेंसी अपना मुकदमा महानिदेशक, एनआरआईडीए की ओर से दायर कर सकती है और इसके विरूध्दि मुकदमा महानिदेशक, एनआरआईडीए के नाम से दायर किया जा सकता है।

39. सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम, l860 (पंजाब संशोधन अधिनियम, l957) यथा संघ शासित प्रदेश दिल्ली तक विस्तारित सभी प्रावधान इस एजेंसी पर लागू होंगे।

40. यदि आवश्यक हो, तो इस स्थिति में एजेंसी को सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम, l860 की धारा 13 और 14 के तहत अधिकथित प्रावधानों के अनुसार भंग किया जा सकता है ।

प्रमाणित किया जाता है कि यह सोसाइटी के नियमों और विनियमों की सही प्रति है।

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